Everything about Shiv chaisa
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
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अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
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त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥